Kanpur ।राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में संयुक्त रूप से NSI एवं एडवांटा ग्रुप के मध्य चल रहे प्रोजेक्ट के अंतर्गत संस्थान के कृषि फार्म में मेगा स्वीट प्रजाति की चरी की बुवाई की गई थी। चरी से इथेनाल उत्पादन हेतु संस्थान स्थित शर्करा प्रयोगशाला में गुरुवार को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच ब्वायलर पूजन कार्यक्रम संपन्न हुआ। संस्थान की फैक्ट्री में 26 से 27 नवंबर, तक मीठी चरी की पेराई प्रस्तावित है।
ब्वायलर पूजन कार्यक्रम के अवसर पर संस्थान की निदेशक, प्रो.सीमा परोहा ने कहा कि भारत सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के तहत पेट्रोल में मिश्रण (ब्लेंडिंग) हेतु गन्ने के रस के अतिरिक्त कई अन्य फीड स्टाक्स से भी ईथेनाल का उत्पादन प्रस्तावित है। इस कड़ी में एक कदम उठाते हुये मीठी चरी से इथेनाल उत्पादन हेतु कार्य किया जा रहा है।
प्रो.परोहा ने कहा कि हमारा संयुक्त प्रयास है कि हम अधिक से अधिक मात्रा में इथेनाल का उत्पादन करें जिससे पेट्रोलियम पदार्थों हेतु विदेशों पर निर्भरता कम हो तथा आयात घटने से देश की बहुमूल्य विदेशी मुद्रा की बचत हो सके। इस परीक्षण का मुख्य उद्देश्य़ मीठी चरी को इथेनाल उत्पादन के मुख्य स्त्रोतों में शामिल करना है।
डॉ.अशोक कुमार, सहायक आचार्य कृषि रसायन ने कहा कि संस्थान एडवांटा ग्रुप के साथ मीठी चरी से अधिक से अधिक मात्रा में इथेनाल उत्पादन हेतु कृत संकल्प है। इस कार्ये हेतु जैव रसायन अनुभाग में स्थित नैनो प्लांट में जूस से इथेनाल बनाने के कार्य का परीक्षण चल रहा है।
इस अवसर पर संजय चौहान, सहायक आचार्य शर्करा अभियांत्रिकी न कहा कि शर्करा प्रयोगशाला में स्वीट सोरगम की पेराई के बाद गन्ने की पेराई का सत्र जनवरी माह से आरंभ होगा।