Dehradun । योग गुरु बाबा रामदेव ने पतंजलि आयुर्वेद के स्वामित्व को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ किया कि पतंजलि के स्वामित्व का कोई निजी मालिक नहीं है, न ही वह स्वयं, न ही आचार्य बालकृष्ण, बल्कि यह पूरा साम्राज्य देश की जनता का है और इसका वास्तविक लाभार्थी भी इस देश की जनता हैं।
रामदेव ने कहा कि पतंजलि का जो साम्राज्य अब लाखों करोड़ रुपए का हो चुका है, उसके स्वामित्व को लेकर कुछ लोगों की गिददी की नजरें हैं। उन्होंने बताया कि पतंजलि के विभिन्न संस्थानों जैसे निरामयम, योग ग्राम, पतंजलि योगपीठ, पतंजलि गुरुकुल, पतंजलि वेलनेस, और विश्वविद्यालय सहित सैकड़ों सेवा संस्थान बनाए हैं। इन संस्थानों और अभियानों के माध्यम से उन्होंने योग को ऊंचाई पर पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि पतंजलि की संपत्ति का मूल्यांकन अब एक लाख करोड़ रुपए से भी अधिक है।
बाबा ने बताया कि देशभर में पतंजलि के एक लाख से अधिक योग शिक्षक भाई-बहन योग का प्रचार कर रहे हैं। इसके अलावा, 25 लाख से ज्यादा वरिष्ठ योग शिक्षक सेवा दे रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि पतंजलि की यह सफलता और इसके साम्राज्य का विस्तार कोई आसान काम नहीं था, बल्कि इसमें बहुत मेहनत और पुरुषार्थ लगा है।
पतंजलि का असली मालिक देश की जनता
रामदेव ने कहा कि पतंजलि के साम्राज्य का वास्तविक मालिक कोई व्यक्ति नहीं है, बल्कि यह पूरी तरह से देश की जनता का है। उन्होंने कहा, स्वामी रामदेव इसका मालिक नहीं है, आचार्य बालकृष्ण इसका मालिक नहीं है, इसका मालिक है पूरा देश और देश के लोग। बाबा रामदेव ने यह स्पष्ट किया कि पतंजलि की स्थापना का मुख्य उद्देश्य समाज की सेवा और भलाई है, और इस यात्रा को भविष्य में भी इसी दिशा में बढ़ते रहना चाहिए।
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