Mumbai । शेयर बाजार में पिछले 4 महीने से लगातार गिरावट बनी हुई है। कारोबारी सप्ताह के अंतिम दिवस शुक्रवार को बाजार में गिरावट देखने को मिली। बाजार में 600 अंक से ज्यादा गिरावट के बाद 200 अंकों की गिरावट के साथ बाजार बंद हुआ। पिछले 4 महीने में बीएसई के लार्ज, मिड और स्मॉल इंडेक्स में लगातार गिरावट देखने को मिली है।
अभी तक 17.5 फ़ीसदी की गिरावट आ चुकी है। जिसमें निवेशकों को लाखों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। बड़े प्रमुख शेयरों में 71% फ़ीसदी तक की गिरावट देखने को मिली है। 412 शेयरों मे उच्चतम स्तर से 20 फ़ीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है। लगभग डेढ़ दर्जन अच्छी कंपनियों के शेयर में 50 से 71 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली है। रिलायंस इंडस्ट्रीज भी इससे अछूती नहीं रही है। इसके शेयर में भी लगभग 25 फ़ीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
बारी रिंयूबल टेक में 71 फ़ीसदी, मैंगलोर रिफाइनरी 60 फ़ीसदी, रेमंड 59 फ़ीसदी वर्लपूल आफ इंडिया 59 फ़ीसदी, ओला इलेक्ट्रिकल 59 फ़ीसदी,अदानी ग्रीन एनर्जी 58 फ़ीसदी, जुपिटर वैगन्स 57 फीसदी,कोचीन शिपयार्ड 56 फ़ीसदी, वोडाफोन आइडिया 56 फ़ीसदी, टीटागढ़ रेल सिस्टम 56 फ़ीसदी, एमआरपीएल 60 फ़ीसदी, इरकॉन इंटरनेशनल 52 फ़ीसदी, हुडको 45.6 फ़ीसदी, आरवीएनएल 41.4 फ़ीसदी गिरावट पर कारोबार कर रहे हैं।
शेयर बाजार में लगातार गिरावट का दौर होने से अब निवेशक भी शेयर बाजार से किसी भी तरह से बाहर निकलना चाहते हैं। निवेशकों में हाहाकार बचा हुआ है। शेयर बाजार के जानकारों का कहना है। वैश्विक आर्थिक मंदी और अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद जिस तरह की स्थितियां देखने को मिल रही हैं।
उससे शेयर बाजार में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अस्थिरता का वातावरण बना हुआ है। सबसे ज्यादा असर भारत पर हो रहा है। जल्द ही शेयर बाजार 75 हजार से नीचे आने की संभावना निवेशकों के बीच में बनने लगी है। जिसके कारण शेयर बाजार मैं घबराहट बनी हुई है।