मेरठ। मेरठ के सौरभ राजपूत हत्याकांड में आरोपी साहिल शुक्ला और मुस्कान रस्तोगी जेल में बंद हैं। खबर आ रही हैं कि उनकी न्यायिक हिरासत और बढ़ी है। दोनों को अभी 14 दिन और न्यायिक हिरासत में रहना होगा। उनकी अगली पेशी 15 अप्रैल को होगी।
मेरठ जेल प्रशासन के मुताबिक, 14 दिन बाद साहिल और मुस्कान एक दूसरे से मिले। उन्होंने एक दूसरे को देखा लेकिन उनके बीच कोई बात नहीं हुई। करीब दो मिनट तक वे साथ रहे। इस दौरान दोनों भावुक दिख रहे थे। पेशी के बाद उन्हें अलग-अलग बैरक में डाल दिया गया।
बता दें कि मुस्कान और साहिल को जेल नियमों के तहत अलग-अलग बैरकों में रखा है। दोनों ने एक ही बैरक में रहने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन जेल मैन्युअल के नियमों के कारण यह संभव नहीं हो सका। इसके अलावा मेरठ जेल प्रशासन ने दोनों को उनकी रुचि के अनुसार जेल में कार्य करने की अनुमति दी है। मुस्कान ने सिलाई-कढ़ाई का काम सीखने की इच्छा जताई, जबकि साहिल ने खेती-किसानी में रुचि दिखाई। जेल प्रशासन ने उनकी मांग स्वीकार कर दोनों को उनके कार्यों में शामिल कर दिया गया है।
वहीं, मेरठ जिला जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया कि जेल नियमों के तहत किसी भी बंदी को 10 दिन पूरे होने के बाद कार्य आवंटित होता है। मुस्कान और साहिल दोनों 1 अप्रैल से अपने-अपने चुने हुए कार्यों को शुरू कर चुके हैं। यह प्रक्रिया जेल सुधार प्रणाली का हिस्सा है।
, जिसका उद्देश्य कैदियों को कौशल प्रदान करना और उन्हें व्यस्त रखना है। साहिल को खेती के काम में लगाया गया है, इस जेल नियमों के तहत ‘नॉन-स्किल्ड वर्कर’ माना जाता है। इसके बदले साहिल को प्रतिदिन 50 रुपये की मजदूरी मिलेगी। दूसरी ओर, मुस्कान ने सिलाई-कढ़ाई सीखने का विकल्प चुना है।
चूंकि यह प्रशिक्षण कार्य की श्रेणी में आता है, इसलिए उसे इसके लिए कोई मजदूरी नहीं मिलेगी। हालांकि, जब वह पूरी तरह से सिलाई कार्य में दक्ष हो जाएगी और वस्त्रों की सिलाई करने लगेगी, तब वेतन देने की व्यवस्था की जा सकती है।