Kanpur ।निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1) (ग) का पालन न करने पर शिक्षा विभाग ने सख़्ती दिखाई है। शहर के दो विद्यालयों, डॉ. वीरेन्द्र स्वरूप पब्लिक स्कूल गोविन्द नगर और एस्कार्ट वर्ल्ड स्कूल केशवपुरम कल्याणपुर का यू-डॉयस नम्बर निलम्बित कर दिया गया है।
दोनों विद्यालयों ने अभी तक इस शैक्षणिक वर्ष के लिए आरटीई अधिनियम के तहत गरीब और कमजोर वर्ग के कई बच्चों को आवंटन होने के बावजूद दाख़िला नहीं दिया।इन बच्चों के अभिभावक जनता दर्शन में लगातार अपनी पीड़ा लेकर पहुंचे। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने उनकी शिकायतों को गंभीरता से लिया और बेसिक शिक्षा अधिकारी को दाख़िला कराने के निर्देश दिए। इसके बावजूद विद्यालय प्रबंधन ने कोई रुचि नहीं दिखाई।
डॉ. वीरेन्द्र स्वरूप पब्लिक स्कूल में नियति मिश्रा और प्रनय सोनी को क्रमशः 30 दिसम्बर 2024 और 29 जनवरी 2025 को प्रवेश आवंटित हुआ था। कई बार नोटिस देने और 8 व 9 अक्तूबर को अंतिम चेतावनी देने के बावजूद विद्यालय प्रबंधन ने साफ कह दिया कि आरटीई के तहत कोई प्रवेश नहीं लिया जाएगा।
इसी प्रकार एस्कार्ट वर्ल्ड स्कूल में दिव्यम श्रीवास्तव, मानवेन्द्र और मोहम्मद रेयान अख़्तर को आरटीई के तहत दाख़िला आवंटित हुआ था। विद्यालय ने तीनों बच्चों को प्रवेश नहीं दिया। 9 जून, 11 जुलाई और 19 सितम्बर 2025 को विभाग ने बार-बार नोटिस जारी किए, खंड शिक्षा अधिकारी शास्त्री नगर ने कई बार विद्यालय पहुँचकर प्रयास किया, लेकिन प्रधानाचार्या ने न तो दाख़िला लिया और न ही कोई जवाब दिया।
दोनों विद्यालय शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आवंटित बच्चों का प्रवेश कराने में समुचित रुचि नहीं दिखा रहे हैं। डॉ. वीरेन्द्र स्वरूप पब्लिक स्कूल में इस वर्ष आरटीई के तहत 30 बच्चों को दाख़िले के लिए आवंटित किया गया था, लेकिन विद्यालय ने केवल 12 बच्चों को ही प्रवेश दिया। इसी प्रकार एस्कॉर्ट वर्ल्ड स्कूल में 35 बच्चों का आवंटन हुआ था, जबकि इनमें से मात्र 7 बच्चों का ही दाख़िला लिया गया जो कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम की मूल भावना के विरुद्ध है।
इन स्कूलों में शेष बच्चों का प्रवेश न होने से अभिभावक लगातार परेशान हैं और डीएम सहित विभिन्न जन प्रतिनिधियों से मिलकर लगातार एडमिशन के लिए प्रयास कर रहे हैं।अधिकारियों की संस्तुति के बाद दोनों विद्यालयों के यू-डॉयस नम्बर निलम्बित कर दिए गए हैं। डॉ. वीरेन्द्र स्वरूप पब्लिक स्कूल का यू-डॉयस नम्बर 09341103909 और एस्कार्ट वर्ल्ड स्कूल का यू-डॉयस नम्बर 09341110927 निलम्बन की श्रेणी में आ गया है।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उद्देश्य समाज के अलाभित और कमजोर वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है। यह केवल कानूनी दायित्व ही नहीं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व भी है। उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों ने अभी तक आरटीई के तहत आवंटित बच्चों का दाख़िला नहीं लिया है, वे आगे आकर इस जिम्मेदारी को निभाएँ। इससे बच्चों का भविष्य सुरक्षित होगा और विद्यालय की सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी।
*यू-डॉयस निलम्बन के बाद क्या होता है*
बीएसए सुरजीत कुमार सिंह ने बताया कि किसी भी विद्यालय का यू-डॉयस नम्बर उसकी शैक्षणिक पहचान है। इसके निलम्बित होते ही विद्यालय विभागीय पोर्टलों पर अपडेट नहीं हो पाता और सरकारी योजनाओं से वंचित हो जाता है। नए विद्यार्थियों का ऑनलाइन पंजीकरण और दाख़िला रुक जाता है तथा शिक्षा विभाग मान्यता निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर देता है।
इस वर्ष 4663 बच्चों का आरटीई के तहत हो चुका है दाख़िला*
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुरजीत कुमार सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशन में इस शैक्षणिक सत्र में जिले के 712 विद्यालयों में कुल 4663 बच्चों का प्रवेश निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के अंतर्गत कराया जा चुका है। वर्तमान में जिले की विभिन्न कक्षाओं में 16 हजार से अधिक छात्र-छात्राएँ इस अधिनियम का लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
उन्होंने जानकारी दी कि इस वर्ष कई विद्यालयों ने विशेष सक्रियता दिखाते हुए आवंटित बच्चों का शत-प्रतिशत दाख़िला सुनिश्चित किया है। इनमें शीलिंग हाउस, ओंकारेश्वर विद्या मंदिर, बीएनएसडी शिक्षा निकेतन, मरियमपुर पब्लिक स्कूल और स्वराज इंडिया स्कूल प्रमुख हैं। इन विद्यालयों ने अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए आरटीई के प्रावधानों के अनुरूप सभी बच्चों का प्रवेश किया है।