AI केवल तकनीक नहीं, बल्कि शिक्षा की दिशा को पुनर्परिभाषित करने का माध्यम: जेबा
Kanpur ।ज़ेबा इंटरनेशनल एजुकेशन ऑफ स्कॉलरबर्ड्स (ZIES) द्वारा ‘प्रिंसिपल कॉन्क्लेव 2025’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की थीम “AI क्रांति द्वारा शिक्षा में नवाचार: अवसरों की खोज, चुनौतियों का समाधान, और भविष्य की दिशा” रही। कार्यक्रम में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में आ रहे परिवर्तनों पर व्यापक चर्चा हुई।
कॉन्क्लेव में देशभर के 75 से अधिक प्रमुख विद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षाविद, नीति निर्माता और विचारक शामिल हुए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. राणा सिंह (निदेशक, चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, पटना) ने AI के बढ़ते प्रभाव और उसकी संभावनाओं पर गहन विचार साझा किए।
कार्यक्रम के दौरान AI तकनीकों की प्रदर्शनी, विशेषज्ञ संगोष्ठियाँ, और शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कारों का वितरण किया गया। प्रतिभागियों को नवीनतम तकनीकी दृष्टिकोण और उपयोगी जानकारी से अवगत कराया गया।इस अवसर पर ZIES की संस्थापक निदेशक ज़ेबा परवीन ने कहा: AI केवल तकनीक नहीं, बल्कि शिक्षा की दिशा को पुनर्परिभाषित करने का एक सशक्त माध्यम है।
ZIES का प्रयास है कि हम शिक्षकों और शिक्षण संस्थानों को इस परिवर्तनशील युग के लिए तैयार करें। लखनऊ और इंदौर में सफल कॉन्क्लेव के बाद, कानपुर में इस तीसरे संस्करण की सफलता हमें इस दिशा में और सशक्त कदम उठाने के लिए प्रेरित करती है।
कॉन्क्लेव के दौरान उपस्थित शिक्षाविदों ने AI के सकारात्मक उपयोग, नैतिकता, समावेशी शिक्षा और छात्र केंद्रित शिक्षण की दिशा में भी सार्थक विचार रखे।
कार्यक्रम का एक और प्रमुख आकर्षण रहा डॉ. डीरेज मेहरोत्रा और ज़ेबा परवीन द्वारा संयुक्त रूप से लिखी गई पुस्तक का विमोचन (Book Launch)। यह पुस्तक शिक्षा के क्षेत्र में AI के प्रयोग को लेकर एक महत्वपूर्ण संदर्भ सामग्री के रूप में सामने आई है।