Kanpur।डीएम के औचक निरीक्षण से सकती विभागों में हड़कंप मचा है।मंगलवार को जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने उर्सला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कई खामियां सामने आई।
*ये मिली खामियां*
चिकित्सालय के अंदर निर्मित मुख्य चिकित्सा अधिकारी कंट्रोल रूम के निरीक्षण के दौरान जिसके नोडल अधिकारी ACMO डॉ. आर. के. गुप्ता बिना कार्यालय में उपस्थित हुए किसी मीटिंग में चले गए थेI उपस्थिति रजिस्टर देखने से पता चला कि दो अन्य कर्मचारी भी नदारद गया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा वार्ड के निरीक्षण के साथ-साथ नियमित देखभाल भी नहीं किया जा रहा है
यह भी पाया गया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के 30 से 35 कर्मचारी उर्सला अस्पताल में अटैच है जबकि वहां इतने कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं है l पाया गया कि 20 बेड के आयुष्मान वार्ड में कुल 8 मरीज भर्ती थे लेकिन वहां एक भी डॉक्टर उपस्थित नहीं पाया गयाl जिलाधिकारी द्वारा जब यह पूछा गया कि इस वार्ड में किस डॉक्टर की ड्यूटी लगी हुई है इस पर वहां उपस्थित चिकित्सालय के डायरेक्टर समेत कोई अन्य जिम्मेदार संतोषजनक उत्तर न दे पाए l उक्त वार्ड में जिलाधिकारी द्वारा बिताए गए 15 से 20 मिनट तक भी कोई डॉक्टर वहां उपस्थित नहीं हुआ l
इसके उपरांत जिलाधिकारी के द्वारा उर्सुला चिकित्सालय के डायरेक्टर के अधीनस्थ कर्मचारियों के उपस्थिति रजिस्टर को देखा गया l पाया गया कि लिपिक किरण रजिस्टर पर बिना साइन किया नदारद रही जबकि अन्य कर्मचारी राकेश मौर्य आकस्मिक अवकाश पर रहेl
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा यह भी पाया गया कि चिकित्सालय के डायरेक्टर हेल्प डेस्क और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के हेल्प डेस्क पर ताला लगा मिला l वहां उपस्थित मरीजों ने जिलाधिकारी को बताया कि ड्यूटी पर चिकित्सालय के कर्मचारी व डॉक्टर समय पर उपस्थित नहीं होते हैं।
मरीजों को मूलभूत सुविधाएं देने के नाम पर मात्र खाना-पूर्ति की जा रही हैl जिलाधिकारी ने पाया कि चिकित्सालय के अंदर बनी सड़क भी ऊबड़- खाबड़ है जिससे एंबुलेंस के आवागमन में मरीजों को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हैl पाया कि कई मरीज बैठने की चिकित्सालय द्वारा बैठने की समुचित व्यवस्था न होने के कारण जमीन पर ही बैठे मिले, इस पर जिलाधिकारी ने संबंधित पर कड़ी नाराजगी व्यक्त कीl
*जिलाधिकारी ने यह निर्देश दिए*
डीएम ने निर्देशित करते हुए यह भी कहा कि सभी डॉक्टर सेवाभाव के साथ काम करें और इस पेशे को बदनाम ना करेंl डॉक्टरों की यह भी जिम्मेदारी है कि वह अपनी प्रतिभा व कर्तव्यनिष्ठा का ऐसा इस्तेमाल करें जिससे मरीजों को निजी चिकित्सालयो में न जाना पड़ेl चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधा को जमीन पर उतारना और उसे आम जनमानस को तक पहुंचाना शासन के साथ-साथ जिला प्रशासन की भी प्राथमिकता हैl
टीबी मरीजों को बांटी पोषण- पोटली
जिलाधिकारी द्वारा उर्सला जिला चिकित्सालय परिसर में ही प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत एक कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए टीबी से ग्रस्त मरीजों को पोषण – पोटली का वितरण किया गयाl इस अवसर पर कुल 50 मरीजों को पोषण – पोटली वितरित किए गएl इस दौरान जिलाधिकारी ने वहां उपस्थित मरीजों व डॉक्टर को संबोधित करते हुए कहा कि शासन की मंशा है कि सबको समय से व बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो, जिसके क्रियान्वयन में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगीl केंद्र सरकार ने मार्च 2025 में भारत को ‘टीबी मुक्त भारत’ बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है इसके लिए हम सबको मिलकर टीम भावना के साथ टीबी को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आवश्यकता हैl
पशु चिकित्सालय में में दो कर्मचारी मिले नदारद
जिलाधिकारी के द्वारा राजकीय पशु चिकित्सालय, चुन्नीगंज का औचक निरीक्षण किया गया l निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कर्मचारी योगेंद्र प्रताप रजिस्टर पर हस्ताक्षर करके गायब रहें l वहीं, कर्मचारी कविता वर्मा कल और आज 2 दिन से आराम पर चल रही है, इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए उक्त कर्मचारियों का वेतन रुकते हुए अन्य आवश्यक कार्रवाई करने हेतु संबंधित को निर्देश दिएl