Kanpur । उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रवैया अपनाते हुए शासन ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। कानपुर नगर के अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुबोध प्रकाश यादव को भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोपों के चलते निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य द्वारा की गई है।
जेएम फार्मा से मिलीभगत, 1.60 करोड़ की गड़बड़ी
डॉ. सुबोध प्रकाश यादव पर आरोप है कि उन्होंने जेएम फार्मा नामक सप्लायर फर्म के साथ मिलीभगत कर सरकारी खरीदी में 1.60 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता को अंजाम दिया। जेम पोर्टल के माध्यम से अधोमानक स्वास्थ्य सामग्री की आपूर्ति कराई गई, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचा।चीफ फार्मासिस्ट और वित्त अधिकारी भी जांच के घेरे में
इस पूरे प्रकरण में अकेले डॉ. यादव ही नहीं, बल्कि चीफ फार्मासिस्ट और संबंधित वित्त अधिकारी भी संदेह के घेरे में हैं। इन अधिकारियों की भूमिका की जांच चल रही है, और जल्द ही इनके खिलाफ भी कार्रवाई की संभावना है।
क्या डॉ. सुबोध का मामला यहीं खत्म होगा?
स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त गहरी साजिश और कनेक्शन की परतें अब धीरे-धीरे खुल रही हैं। डॉ. सुबोध प्रकाश यादव की गिरफ्तारी की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता, यदि जांच में उनकी संलिप्तता और गहराई से सिद्ध होती है। इस बीच, जनता और जनप्रतिनिधियों की मांग है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को केवल निलंबित नहीं, बल्कि सख्त सजा दी जाए।
डॉ. सुबोध प्रकाश यादव का निलंबन कानपुर नगर में स्वास्थ्य सेवाओं की साख पर एक बड़ा सवाल है। यह प्रकरण यह भी दर्शाता है कि कैसे सरकारी योजनाएं और दवाइयों की खरीद प्रणाली भ्रष्ट अधिकारियों के लालच की भेंट चढ़ जाती हैं। अब देखना होगा कि शासन इस मामले में कितनी पारदर्शिता और कठोरता के साथ आगे बढ़ता है।