शुरुआती बढ़त बरकरार नहीं रख पाया शेयर बाजार, अभी 2-3 महीनों अप-डाउन करता रहेगा बाजार
58 दिन में 50 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान
-सेंसेक्स-निफ्टी इंडेक्स अपने रिकॉर्ड हाई से 10 फीसदी टूटे
-2-3 महीनों में निफ्टी आ सकती है 21,982 के स्तर पर
New Delhi । शेयर बाजार में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रहा है। हर दिन मार्केट गिरकर बंद हो रहा है, जिससे निवेशकों के बीच एक डर का माहौल गहरा होता जा रहा है। भारत में बेंचमार्क शेयर सूचकांक लगातार गिरकर कई महीनों के नए निचले स्तर पर पहुंच गए। आने वाले 2-3 महीनों में निफ्टी 21,982 के स्तर पर आ सकती है। अभी ये 23,500 के स्तर पर है। यानी, निफ्टी में अभी और करीब 1,500 पॉइंट की गिरावट संभव है। उधर, 27 सितंबर से लेकर अभी तक का डाटा देखें तो निवेशकों को 50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। वहीं सेंसेक्स-निफ्टी इंडेक्स अपने रिकॉर्ड हाई से 10 फीसदी टूट चुके हैं। यानी कि अब मार्केट में इस गिरावट को करेक्शन नाम दिया जा सकता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर और एशियन पेंट्स जैसे हैवीवेट शेयरों में ज्यादा गिरावट आई है।
शेयर बाजार में आए इस करेक्शन से पुराने से लेकर नए निवेशक सभी के पोर्टफोलियो में रिटर्न काफी कम हो चुके हैं। ज्यादा गिरावट मिडकैप और स्मॉल कैप इंडेक्स में आई है। बीते एक महीने के दौरान निफ्टी इंडेक्स में 1400 अंक या 5.60 प्रतिशत की गिरावट आई है। एक सप्ताह में 630 अंक या 2.60 प्रतिशत की कमी आई है। वहीं सेंसेक्स 3770 अंक या 4.60 प्रतिशत गिरा है। एक सप्ताह के दौरान 1500 अंक या 2 फीसदी की गिरावट आई है। बीएसई मिडकैप इंडेक्स 1 महीने में 8.63 प्रतिशत या 4,191 अंक और बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 7.24 प्रतिशत या 4100 अंक गिरा है।
रिलायंस व कोटक महिंद्रा बैंक चढ़े
सेंसेक्स के 30 शेयरों वाले शेयरों में हिंदुस्तान यूनिलीवर, एनटीपीसी, नेस्ले, इंडसइंड बैंक, पावर ग्रिड, अडानी पोट्र्स, टाटा मोटर्स और बजाज फिनसर्व प्रमुख रूप से पिछड़ गए। रिलायंस इंडस्ट्रीज, कोटक महिंद्रा बैंक, टेक महिंद्रा, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एचडीएफसी बैंक लाभ में रहे। आज सेक्टोरल इंडेक्स मिले-जुले रुख के साथ कारोबार हुआ। निफ्टी बैंक, ऑटो, मीडिया हरे निशान पर रहे, जबकि एफएमसीजी, फार्मा, पीएसयू बैंक लाल निशान पर रहे। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 2,502.58 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 6,145.24 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
एशियाई बाजारों में गिरावट
एशियाई बाजारों में टोक्यो, शंघाई और हांगकांग में गिरावट रही, जबकि सियोल में तेजी रही। यूरोपीय बाजारों में तेजी रही। बुधवार को अमेरिकी बाजार मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.06 प्रतिशत गिरकर 72.24 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। बुधवार को सेंसेक्स 984.23 अंक या 1.25 प्रतिशत गिरकर 77,690.95 पर बंद हुआ था। लगातार पांचवें दिन गिरावट दर्ज करते हुए निफ्टी 324.40 अंक या 1.36 प्रतिशत गिरकर 23,559.05 पर बंद हुआ था।
इसलिए गिर रहा शेयर बाजार
शेयर बाजार में गिरावट की बड़ी वजह कई कंपनियों के तिमाही नतीजे खराब आए हैं। रिलायंस से लेकर एशियन पेंट्स और इंडसइंड बैंक के नतीजों ने सबसे ज्यादा डराया है। वहीं अमेरिका में ट्रंप की जीत से महंगाई बढऩे की आशंका गहरा गई है। अमेरिकी 10 वर्षीय बॉन्ड की पैदावार में उछाल आया और डॉलर चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, फेड रेट कट की उम्मीदें भी कम हो चुकी हैं। भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशक तेजी से भाग रहे हैं। पिछले महीने 1 लाख करोड़ से ज्यादा का अमाउंट शेयर बाजार से निकाले गए थे। वहीं पिछले सप्ताह विदेशी निवेशकों ने 20 हजार करोड़ की निकासी की थी। भारतीय बाजार से पैसा निकालने का बड़ा कारण ग्लोबल मार्केट में तेजी है और निवेशक ट्रंप के आने से ग्लोबल मार्केट की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। चीन ने अपनी इकोनॉमी को बेहतर करने के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया है। इससे विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से निकासी कर चीन की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
महंगाई बढऩे से बाजार में बना गिरावट का माहौल
इकरा एनालिटिक्स के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की ओर से लगातार बिकवाली के कारण भारतीय इक्विटी बाजारों में गिरावट देखी गई। इसके अलावा, अक्तूबर में घरेलू खुदरा महंगाई दर आरबीआई के ऊपरी सहनीय स्तर (6 प्रतिशत) से आगे निकल गया इससे बाजार में कमजोरी का माहौल बना। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से बेंचमार्क सूचकांकों का नुकसान और बढ़ गया। कल यानी शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार श्री गुरु नानक देव प्रकाश पर्व के अवसर पर बंद रहेंगे। शेयर बाजार अब सोमवार को खुलेगा।
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