Delhi । सुप्रीम कोर्ट ने एक युवक को राहत देते हुए कहा कि शादी का झांसा देकर बलात्कार करने के आरोप में आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया जा सकता, अगर दोनों के बीच सहमति से संबंध बने थे और सिर्फ ब्रेकअप हुआ हो। कोर्ट ने कहा कि अगर किसी जोड़े के बीच सहमति से रिश्ते बनते हैं और वे शादी तक नहीं पहुंच पाते, तो ऐसे मामले में आपराधिक कार्रवाई नहीं की जा सकती।
यह मामला 2019 में एक महिला द्वारा युवक के खिलाफ रेप केस दर्ज कराने के बाद सामने आया था। इसके बाद युवक ने सुप्रीम कोर्ट से राहत की मांग की थी। इस मामले की सुनवाई जस्टिस बीवी नागरत्न और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच कर रही थी। कोर्ट ने कहा कि जब रिश्ता शादी तक नहीं पहुंचता और यह केवल सहमति से बनता है, तो इसे आपराधिक मामला नहीं माना जा सकता।