आई लव मोहम्मद’ के लिए बेकाबू भीड़ को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा,
UP। बरेली शहर में शुक्रवार को ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद को लेकर भारी बवाल मच गया। जुमे की नमाज के बाद हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और देखते ही देखते माहौल हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। इस झड़प में कई पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी घायल हो गए।

घटना का केंद्र श्यामगंज इलाका रहा, जहां नमाज के बाद इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान के आह्वान पर लोग जमा हुए। उन्होंने गुरुवार को ही ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी और प्रशासन को चेतावनी दी थी कि यदि कार्रवाई न हुई तो बड़ा आंदोलन होगा। प्रशासन ने प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन नमाज के बाद भीड़ सड़कों पर उतर आई।
पुलिस ने पहले बातचीत की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहने पर हालात बिगड़ गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने अचानक पुलिस वाहनों और जवानों पर पथराव शुरू कर दिया। एक पुलिसकर्मी घायल हो गया, जबकि कई प्रदर्शनकारियों को लाठीचार्ज में चोटें आईं। घटना के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। बाजार बंद हो गए और स्कूल-कॉलेजों की छुट्टी कर दी गई।
कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने 4,000 से अधिक पुलिसकर्मी, रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और पीएसी की टुकड़ियां तैनात कीं। ड्रोन से निगरानी और फ्लैग मार्च किया गया। जिला मजिस्ट्रेट और एसएसपी ने संयुक्त बयान में कहा कि स्थिति नियंत्रण में है।लेकिन रविवार तक धारा 144 लागू रहेगी। पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की हैं और उपद्रवियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
मौलाना तौकीर रजा ने अपने घर से घेराबंदी के बीच बयान दिया कि मुसलमान नमाज के बाद शांतिपूर्ण ढंग से लौटें, लेकिन अगर प्रशासन रोकेगा तो जिम्मेदारी उसकी होगी। हालांकि, उनके समर्थकों ने इमामिया ग्राउंड पर धरना देने की कोशिश की, जिसे पुलिस ने नाकाम कर दिया।
यह विवाद शाहजहांपुर से शुरू हुआ था, जहां कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की गई थी। इसके बाद यह आंदोलन लखनऊ, उन्नाव, कौशांबी, काशीपुर और हैदराबाद तक फैल गया। लेकिन बरेली की घटना सबसे ज्यादा हिंसक रही।
विवाद की वजह और मौलाना का ऐलान
यह पूरा बवाल आई लव मोहम्मद पोस्टर विवाद को लेकर शुरू हुआ।इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने मुस्लिम समुदाय से इस्लामिया ग्राउंड में विरोध प्रदर्शन करने की अपील की थी। नमाज़ के बाद बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतर आए और जबरन ग्राउंड में जाने की जिद करने लगे।जब पुलिस ने भीड़ को रोका, तो लोग उग्र हो गए और धार्मिक नारे लगाते हुए तोड़फोड़ शुरू कर दी. भीड़ ने पुलिस पर पथराव भी किया, जिसमें छतों और खिड़कियों का इस्तेमाल भी किया गया।
तीन इलाकों में फैला बवाल, पुलिस का एक्शनयह बवाल सिर्फ एक जगह तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सदर कोतवाली, प्रेमनगर और बारादरी समेत तीन थाना क्षेत्रों में फैल गया।तीनों ही क्षेत्रों में पुलिस पर पथराव की खबरें हैं. पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और खदेड़ दिया, जिससे सड़कों पर भगदड़ मच गई।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने शहर में बाजार बंद करा दिए हैं. डीआईजी रेंज बरेली अजय कुमार साहनी, डीएम अविनाश सिंह समेत कई बड़े अधिकारी तुरंत मौके पर पहुँचे और सड़कों पर गश्त की।
मौलाना तौकीर रजा हिरासत में, शहर में हाई अलर्ट
पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए बवाल भड़काने के आरोप में मौलाना तौकीर रजा को हिरासत में ले लिया है. रजा पहले भी विवादों में रहे हैं; उन पर 2010 में बरेली में दंगा करवाने का आरोप है, जिसका मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है।
हिंसा से पहले तौकीर रजा की चेतावनी
हिंसा से पहले मौलाना तौकीर रजा ने एक भड़काऊ बयान दिया था, जिसमें उन्होंने सरकार को चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था, “अगर मुसलमानों के साथ हो रहे अन्याय नहीं रुके तो मुसलमान सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे. हमारी खामोशी को हमारी कमजोरी न समझा जाए. जिस दिन मुसलमान हमारे नियंत्रण से बाहर हो गए, हालात गंभीर हो जाएंगे… इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा?